Celebrated In: India
Celebrated By: Hindu (Hindu)
अमावस्या माह में एक बार ही आती है अर्थात वर्ष में 12 अमावस्याएं होती हैं। अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत और तर्पण का विधान है।
अमावस्या के दिन किये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित है -
1. शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। इस दिन पितरों की शांति हेतु अनुष्ठान अर्थात पिंडदान, तर्पण आदि करने से पितृदोष का समाधान होता है। इस दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करें तथा पितृ स्तोत्र या पितृ सूक्त का पाठ करना लाभदायी सिद्ध होता है।
2. इस दिन व्रत करने का भी बहुत महत्व बताया गया है। सभी तरह के रोग और शोक मिटाने हेतु विधिवत रूप से इस दिन व्रत रखा जाता है।
3. अमावस्या के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
4. इस दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
5. अमावस्या के दिन नदी, तालाब और सरोवर में स्नान करना बहुत उत्तम बताया गया है।
6. अति भावुक लोगो पर अमावस्या के दिन ज्यादा प्रभाव पड़ता है। अत: ऐसे लोगों को अपने मन और इन्द्रियों को नियंत्रण में रखते हुए पूजा पाठ आदि अवश्य करना चाहिए।
7. अमावस्या के दिन हो सके तो उपवास रखना चाहिए। ज्ञानी जनों का मत हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है।
8. अमावस्या को आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
9. शनिदेवजी के मंदिर में विधि पूर्वक अमावस्या के दिन दीपक लगाने से वह प्रसन्न होते हैं।
10. अमावस्या की शाम को लाल रंग के धागे की बत्ती का उपयोग करते हुए गाय के घी का दीपक लगाएं। दीये में थोड़ी सी केसर डालें और इसे घर के ईशान कोण में रख दें। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
11. चीटियों को चीनी मिश्रित आटा खिलाना भी इस दिन बहुत अच्छा माना जाता है।
12. अगर हो सके तो अमावस्या को मछलियों को भी आटा या चीनी अवश्य खिलाएं।
13. अमावस्या के दिन गेहूं और ज्वार की धानी का प्रसाद वितरण करना चाहिए।